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मनोरंजन से परे: ध्यान के रूप में संगीत

दुनिया में , संगीत को अक्सर केवल मनोरंजन का एक स्रोत माना जाता है। हालाँकि , संगीत में   आकर्षक धुनों और लयबद्ध ताल की सतह के नीचे एक गहन और परिवर्तनकारी शक्ति निहित होती है इसे हम ध्यान की ओर प्रशस्त मार्ग के रूप में भी देख सकते है। गीत की आवाज में उतार - चढाव और लय- ताल जैसी चीजे व्यक्ति   की भावनाओं जैसे   देखभाल और निष्पक्षता के मूल्यों का अनुमान लगाने   में अहम भूमिका निभाती है । गाने के बोल में व्यक्त किया गया गुस्सा, प्यार, ख़ुशी, जैसी भावनाओं से पैदा होने वाला मानसिक रूझान जैसे वफ़ादारी, अधिकार , पवित्रता आदि   लक्षणों के बारे में अनुमान लगाने में अधिक प्रभावी माना गया है...मनोरंजन में अपनी भूमिका से परे , संगीत में हमें हमारी गहरी भावनाओं , विश्वासों और सहानुभूति की भावना से जोड़ने की क्षमता निहित है , जिससे ध्यान का एक अनूठा रूप तैयार होता है जो मानव आत्मा के साथ गूंजता और अंतर्मन के साथ गुथता चला जाता है। पसंदीदा संगीत एवं नैतिक मूल्यों के बीच होता है गहरा सम्बन्ध संगीत हर संस्कृति का अहम हिस्सा है, जो हमारी भावनाओं संवेदनाओं और विश्वास को व्यक...

हां देखा है मैंने...

 
हां देखा है मैंने...
बालू(सपनो)के घरोंदे को टूटते हुए, धराशाई होते हुए

पतंग की उस डोर को टूटते हुये जो ना सिर्फ पतंग बल्कि मेरी सपनों की उड़ान थी

हां देखा है मैंने...

अपनों का साथ छूटते हुए,उन्हें दूर जाते हुए

उम्मीद की उस लहर को वापस लौटते हुए जिसके स्पर्श मात्र से मेरे सपनों को जीवंत रूप मिल जाता

हां देखा है मैंने....

बारिश की एक बूंद को तरस ने के बाद भी बादलों को लौटते हुए हां देखा है मैंने

जीवन की उस बेल को हिम्मत, हौसला और जुनून के सहारे चढ़ते हुए

और उस बेल की आखिरी पत्ति को (आशा को) सूखते हुए...

हां देखा है मैंने...

पर हारी नहीं हूं मैं

क्योंकि जज्बा ये कायम है और दिल यह जिद्दी है

एक बार फिर सपनों के उस घरोंदे को बनाऊंगी...नया स्वरूप दूंगी।

एक बार फिर नयी पतंग, नयी डोर और नए हौसलों से उड़ान होगी

एक बार फिर अपनों का साथ, लहरो का स्पर्श और बारिश उमंगों से भरी होगी

ना कोई बेल सूखेगी और‌ ना कोई सपना टूटेगा

बस यह छोटी सी कोशिश से

और उसी बेल मे सफलता का सुंदर फूल जन्मेगा प्रस्फुटन होंगे

क्योकिं ज़ज्बा ये कायम है और दिल यह जिद्दी हैं।


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